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२०४ लोक्
चिन्तन हैम संस्कृत धातु रूप कोश
लोकय
लोकयतु
गण- १० पस्मै. भेवु, अवलोन वु.
देखना, अवलोकन करना
कर्तर
लोकयामः लोक्ये लोक्यावहे
लोक्यामहे लोक्यध्वे
लोक्येथे
लोक्येते लोक्यन्ते
लोकयामि लोकयावः लोकयसि लोकयथः लोकयथ लोक्यसे लोकयति लोकयतः लोकयन्ति लोक्यते अलोकयम् अलोकयाव अलोकयाम अलोक्ये अलोक्यावहि अलोक्यामहि अलोकयः अलोकयतम् अलोकयत अलोक्यथाः अलोक्येथाम् अलोक्यध्वम् ( अलोकयत् अलोकयताम् अलोकयन् अलोक्यत अलोक्येताम् अलोक्यन्त लोकयेयम् लोकयेव लोकयेम लोक्येय लोक्येवहि लोक्येमहि लोकयेः लोकयेतम् लोकयेत |लोक्येथाः लोक्येयाथाम् लोक्येध्वम् लोकयेत् लोकयेताम् लोकयेयुः लोक्येत लोक्येयाताम् लोक्येरन् लोकयानि लोकयाव लोकयाम लोक्यै
लोक्यावहै लोक्यामहै
लोकयतम् लोकयत |लोक्यस्व लोक्येथाम् लोक्यध्वम् लोकयताम् लोकयन्तु लोक्यताम् लोक्येताम् लोक्यन्ताम्
२०५ वि + लोक् गण - १० पस्मै. विलोडन 5. भेवु.
देखना
कर्मणि
विलोकयामि विलोकयावः विलोकयामः विलोक्ये विलोक्यावहे विलोक्यामहे विलोकयसि विलोकयथः विलोकयथ विलोक्यसे विलोक्येथे विलोक्यध्वे विलोकयति विलोकयतः विलोकयन्ति विलोक्यते विलोक्येते विलोक्यन्ते व्यलोकयम् व्यलोकयाव व्यलोकयाम व्यलोक्ये व्यलोक्यावहि व्यलोक्यामहि व्यलोकयः व्यलोकयतम् व्यलोकयत व्यलोक्यथाः व्यलोक्येथाम् व्यलोक्यध्वम् व्यलोकयत् व्यलोकयताम् व्यलोकयन् व्यलोक्यत व्यलोक्येताम् व्यलोक्यन्त विलोकयेयम् विलोकयेव विलोकयेम विलोक्येय विलोक्येवहि विलोक्येमहि विलोकयेः विलोकयेतम् विलोकयेत विलोक्येथाः विलोक्येयाथाम् विलोक्येध्वम् विलोकयेत् विलोकयेताम् विलोकयेयुः विलोक्येत विलोक्येयाताम् विलोक्येरन् | विलोकयानि विलोकयाव विलोकयाम विलोक्यै विलोक्यावहै विलोक्यामहै विलोकय विलोकयतम् विलोकयत विलोक्यस्व विलोक्येथाम् विलोक्यध्वम् विलोकयतु विलोकयताम् विलोकयन्तु विलोक्यताम् विलोक्येताम् विलोक्यन्ताम्