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शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पै मरने वालों का यही बाकी निशां होगा
स्व. जोगिन्दर पाल जैन
स्व. उदय चन्द जैन
स्व० सुमति प्रकाश जैन प्रिय पुत्रो / प्रिय भ्राताओं!
१० फरवरी १९९२ का दिन भूल जाने की कोशिश करने पर भी हम भूल नहीं पाते। ननर-संहारकारी आतंकवादियों की गोलियों ने हालत यह कर दी कि
न हाथ थाम सके, न पकड़ सके दामन ।
बड़े करीब से ही उठ कर, तुम दूर चले गए ।। चले नहीं गए-तुम्हें दूर भेज दिया गया। उन हत्यारों द्वारा जिनका तुमने या हमने कभी कुछ बिगाड़ा न था। हमारा जोगिन्दर फिर जाग न पाया, हमारा उदय अस्त हो गया, सुमति कुमतियों द्वारा छीन लिया गया।
__ आप तीनों प्यारे भाई पंजाब के लिये निछावर हो गए। आपकी पुण्य स्मृतियां बनी रहें, इसीलिये प्रस्तुत शास्त्र में आपकी स्मृतियों के सुमन सुरक्षित कर हमें सन्तोष करना पड़ रहा है । शासनेश प्रभु आपकी आत्माओं को चिर शान्ति प्रदान करें।
शान्ति-प्रार्थी नगीन चन्द जैन (पिता) महेन्द्र पाल जैन (भाई)
आत्म व्हील, लुधियाना ननननननननननननननननननननननननननननननन