________________
Bhagavati Satra Bk. 9 Ch. 32
43
अहेसत्तमाए होज्जा। अहवा दो रयणप्पभाए चत्तारि सक्करप्पभाए होज्जा जाव...अहवा दो रयणप्पभाए चत्तारि अहेसत्तमाए होज्जा। अहवा तिण्णि रयणप्पभाए तिणि सक्करप्पभाए एवं एएणं कमेणं जहा पंचण्हं दुयासंजोगो तहा छह वि भाणियन्वो णवरं एक्को अब्भहिओ संचारेयव्यो जाव...अहवा पंच तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा।
अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए चत्तारि वालुयप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयण्णप्पभाए एगे सक्करप्पभाए चत्तारि पंकप्पभाए होज्जा एवं जाव...अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए चत्तारि अहेसत्तमाए होज्जा। अहवा एगे रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए तिण्णि वालुयप्पभाए होज्जा। एवं एएणं कमेणं जहा पंचण्हं तियासंजोगो भणिओ तहा छह वि भाणियव्वो णवरं एक्को अहिओ उच्चारेयव्वो सेसं तं चेव। चउक्कसंजोगो वि तहेव पंचगसंजोगो वि तहेव णवरं एक्को अब्भहिओ संचारेयव्वो जाव पच्छिमो भंगो अहवा दो वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एंगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा। __ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए जाव...एगे तमाए होज्जा। अहवा एगे रयणप्पभाए जाव...एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा। अहवा एगे रयणप्पभाए जाव...एगे पंकप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा। अहवा एगे रयणप्पभाए जाव...एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए जाव...एगे अहेसत्तमाए होज्जा। अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे पंकप्पभाए जाव...एगे अहेसत्तमाए होज्जा। अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए जाव...एगे अहेसत्तमाए होज्जा। अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे बालुयप्पभाए जाव...एगे अहेसत्तमाए होज्जा।
Mahavira-Gangeya ! In that case, the distribution is as follows:
When lodged in one hell - 7 forms When distributed in two - 105 forms (1-5, 2-4, 3-3, 4-2, 5-1x21 alternatives) When in three
___- 350 forms (1-1-4, 1-2-3, 2-1-3, 1-3-2, 2-2-2, 3-1-2, 1-4-1, 2-3-1, 3-2-1, 4-1-1x35 alternatives)