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Bhagavati Sūtra Bk. 6 Ch. 7
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likā. Numerals end at this point, and this much is the subject-matter of arithmetic. After this, time is expressed by comparison.
[ time by comparison 1
उत्तर ११६
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प्रश्न ११५ - से किं तं उवमिए ?
उत्तर ११५ - उवमिए दुविहे पण्णत्ते तं जहा - पलिओत्रमे य सागरोवमे य ।
प्रश्न ११६ - से किं तं पलिओदेवमे ? से किं तं सागरोवमे ?
सत्येण सुतिक्खेण वि छेत्तु भेत्तु च जं किर न सक्का । तं परमाणु सिद्धा वयंति आई पमाणाणं ॥
अनंताणं परमाणुपोग्गलाणं
समुदयसमिइसमागमेणं सा एगा ओसण्हसहिया इ वा सहसहिया इवा उड्हरेणू इ वा तसरेणू इ वा रहरेणू इ वा वालग्गा इ वा लिक्खा इ वा जूया इ वा जवमज्झे इ वा अंगुले इ वा । अट् उस्सहसहियाओ सा एगा सहसहिया अट्ठ सहसहियाओ सा एगा उड्ढरेणू अट्ठ उड्ढरेणुओ सा एगा तसरेणू अट्ठ तसरेणूओ सा एगा रहरेणु अट्ठ रहरेणुओ से एगे देवकुरु - उत्तरकुरुगाणं मणुस्साणं वालग्गे । एवं हरिवास - रम्मग-हेमवयएरणवयाणं युव्वविदेहागं मगूसाणं अट्ठ वालग्गा सा एगा लिक्खा अट्ठ लिक्खाओ सा एगा ज्या अठ्ठ जूयाओ से एगे जवमज्झे अट्ठ जवमज्झाओ से एगे अंगुले । एएणं अंगुलपमाणेणं छ अंगुलाणि पाओ बारस अंगुलाई विहत्थी चउवीसं अंगुलाई रयणी अडयालीसं अंगुलाई कुच्छी छण्णउइ अंगुलाणि से एगे दंडे इ वा धणू इ वा जूए इ वा णालिया इ वा अक्खे इ वा मुसले इ वा । एएणं धणुप्पमाणेणं दो धणुं सहस्साई गाउयं चत्तारि गाउयाई जोयणं । एएणं जोयणप्पमाणेणं जे पल्ले जोयणं आयाम विक्खंभेणं जोयणं उड्ढं उच्चत्तेणं तं तिओणं सविसेसं परिरयेणं - - से णं एग हिय-बेयाहियतेयाहिया उक्कोसं सत्तरत्तप्परूढाणं संमट्ठे सण्णिचिए भरिए वालग्गकोडीणं । ते णं वालग्गे णो अग्गी दहेज्जा णो वाउ हरेज्जा । जो कुत्थेज्जा णो परि