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________________ ८२८ तीर्थकरों के माता-पिता की गति क्रमांक तीर्थकर नाम | माता का नाम माता की गति | पिता का नाम / पिता की गति सेना मेघ घर कृतवर्मा १ ऋषभदेव मरदेवी सिद्ध नाभि नागकुमार २ अजितनाथ विजया जितशत्रु . दूसरे देवलोक इशान में ३ संभवनाथ जितारि ४ अभिनन्दन सिद्धार्थी संवर ५ सुमतिनाथ मंगला ६ पद्मप्रभ सुसीमा ७ सुपार्श्वनाथ पृथिवी प्रतिष्ठ ८ चन्द्रप्रभ लक्षणा महासेन ६ सुविधिनाथ रामा तृतीय सनत्कुमार सुग्रीव तीसरे देवलोक सनत्कुमार में देवलोक में शीतलनाथ नन्दा दृढ़रथ ११ श्रेयांसनाथ विष्णुदेवी विष्णु १२ वासुपूज्य जया वसुपूज्य १३ विमलनाथ श्यामा १४ अनन्तनाथ सुयशा सिंहसेन १५ धर्मनाथ सुव्रता भानु १६ शान्तिनाथ अचिरा विश्वसेन १७ कुंथुनाथ श्री चौथे माहेन्द्र देवलोक में चौथे देवलोक माहेन्द्र में १८ अरनाथ देवी सुदशन १६ मल्लिनाथ प्रभावती २० मुनिसुव्रत पद्मावती सुमित्र २१ । नमिनाथ वप्रा विजय २२ मरिष्टनेमि* शिवा समुद्रविजय २३ पाश्वनाथ वामा अश्वसेन २४ महावीर १ त्रिशला १ सिद्धार्थ प्राचारांग सूत्र में इन दोनों का बारहवें स्वर्ग में जाने का उल्लेख है २ देवानन्दा २ सिख २ ऋषभदत्त (१) जितशत्रु शिवं प्राप, सुमित्रस्त्रिदिवं गतः ।।। (२) महावीर के प्रथम माता-पिता के मुक्त होने का"..."सत्तरिसय द्वार मादि में उल्लेख है। तीर्थंकरों के पिता एवं माता की गति के सम्बन्ध में दिगम्बर एवं श्वेताम्बर परम्परा में मूल भेद । तो यह है कि दिगम्बर परम्परा स्त्री-मुक्ति नहीं मानती। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002071
Book TitleJain Dharma ka Maulik Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year1999
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, Tirthankar, N000, & N999
File Size16 MB
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