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प्रथम-शिष्य
दिगम्बर संरभ-प्रन्च
श्वेताम्बर संदर्भ-प्रन्य क्र.सं. नाम तीर्थकर प्रचवन सारोद्धार
सत्तरि. समवायांग ८द्वार गा. | गा. ३६.४१
द्वा., १०३ द्वा. ३०४-३०६
गा. २१४-२१५
हरिवंश गा. | तिलोय प.म ३४६-३४६
पुंडरीक सिंहसेन
उषभसेन सिंहसेन चारु वचनाभ
वृषभसेन केसरीसेन ..चारुदत्त.
वृषभसेन सिंहसेन चारुदत्त वज्रनाभ चमर वजचमर बली
वज्रचमर
चमर
वचनाभ चमरगरणी सुज्ज-सुद्योत विदर्भ दिन्न
सुव्रत विदर्भ
चमर बलदत्त
उषभसेन सिंहसेन चारु वज्रनाभ चमर प्रद्योत विदर्भ दिन पहव वराह प्रमुनंद कोस्तूभ सुभोम मन्दर यश अरिष्ठ चक्रायुध संब
वराह
वराह
नाग
विदर्भ अनगार
कुच्छुभ सुभूम
१. ऋषभदेव २ अजितनाथ ३ संभवनाथ ४ अभिनन्दन ५ सुमतिनाथ ६ पद्मप्रभ ७ सुपार्श्वनाथ ८ चन्द्रप्रभ & सुविधिनाथ १० शीतलनाथ ११. श्रेयांसनाथ १२ वासुपूज्य १३ विमलनाथ १४ अनन्तनाथ १५ धर्मनाथ. १६ शान्तिनाथ १७ कुयुनाथ १५. परनाथ१६ मल्लिनाथ २० मुनिसुव्रत २१ नमिनाय २२: अरिष्टनेमि २३ पार्श्वनाथ २४ महावीर
सुधर्म
मन्दर
प्रानन्द गोस्तूभ सुधर्मा मन्दर यश . अरिष्ठ चक्राभ सयंभू
यश अरिष्ठ
मन्दरार्य जय अरिष्ठसेन चक्रायुष स्वयंभू
धर्म मन्दिर 'जय . अरिष्ठ सेन चक्रायुष स्वयंभू
चक्रायुध संब
कुंभ
इन्द्र
भिसय मल्ली सुभ बरवत्त प्रजदिन्न इन्द्रभूति
भिसग मल्ली शुभ वरदत्त प्रार्यदत्त इन्द्रभूति
विषाख मल्ली सोमक वरदत्त स्वयंभू इन्द्रभूति
विशाल मल्ली सुप्रभ वरदत्त स्वयंभू :इन्द्रभूति
वरदत्त
इन्द्रभूति
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