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________________ ८०१ क्र.सं. तीर्थकर नाम श्वेताम्बर संवर्भ-ग्रंथ दिगम्बर संदर्भ-ग्रंथ आवश्यक सत्तरिसय ५५ | हरिवंश पुराण | तिलोय पण्णत्ती नि. गा. गाथा | १० ७३१ से | पृ० २१७ से | उत्तर पुराण २६६-३२२ । १३८-१४१ । ७३२. २१९ वर्ष वर्ष वर्ष वर्ष वर्ष वर्ष वर्ष १२ वासुपूज्य* अभाव प्रभाव प्रभाव प्रभाव प्रभाव १३ विमलनाथ ३० लाख ३० लाख ३० लाख ३० लाख ३० लाख वर्ष वर्ष १४ अनन्तनाथ १५ लाख १५ लाख १५ लाख १५ लाख १५ लाख वर्ष - १५ धर्मनाथ ५ लाख ५ लाख ५ लाख ५ लाख ५००००० वर्ष वर्ष वर्ष वर्ष १६ शान्तिनाथ २५ हजार २५ हजार २५ हजार २५ हजार २५ हजार वर्ष मांडलिक वर्ष मांडलिक वर्ष मांडलिक वर्ष मांडलिक वर्ष मांडलिक २५ ह. वर्ष २५ हजार २५ ह. वर्ष २५ ह. वर्ष २५ ह. वर्ष चक्रवर्ती चक्रवर्ती चक्रवर्ती चक्रवर्ती चक्रवर्ती १७ कुंथुनाथ २३७५० वर्ष २३७५० वर्ष २३७५० वर्ष २३७५० वर्ष २३७५० वर्ष मांडलिक मांडलिक मांडलिकमांडलिक मांडलिक इतना ही इतना ही इतना ही इतना ही इतना ही चक्रवर्ती चक्रवर्ती चक्रवर्ती चक्रवर्ती चक्रवर्ती १८ अरनाथ २१००० वर्ष २१००० वर्ष २१००० वर्ष २१००० वर्ष २१००० वर्ष मांडलिक मांडलिक मांडलिक मांडलिक मांडलिक इतना ही इतना ही इतना ही इतना ही २१००० वर्ष चक्रवर्ती चक्रवर्ती चक्रवर्ती चक्रवर्ती चक्रवर्ती १६ मल्लिनाथ* प्रभाव प्रभाव प्रभाव प्रभाव प्रभाव २० मुनिसुव्रत १५००० वर्ष १५००० वर्ष १५००० वर्ष १५००० वर्ष १५००० वर्ष २१ नमिनाथ ५००० वर्ष ५००० वर्ष ५००० वर्ष ५००० वर्ष ५००० वर्ष २२ अरिष्टनेमि* प्रभाव प्रभाव प्रभाव प्रभाव प्रभाव २३ पार्श्वनाथ* अभाव प्रभाव प्रभाव प्रभाव २४ महावीर* प्रभाव प्रभाव प्रभाव प्रभाव अभाव प्रभाव *तारांकित ५ तीर्थकरों ने राज्य का उपभोग ही नहीं किया Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002071
Book TitleJain Dharma ka Maulik Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year1999
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, Tirthankar, N000, & N999
File Size16 MB
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