________________
६२३
....
६२३ ६२४ ६२४ ६२५
....
६२६
...
or ur worrurur
mr mmmm ० ० " rm
....
....
६३४
سد
६३४
केवलीचर्या का पंचम वर्ष संकटकाल में भी कल्परक्षार्थ कल्पनीय तक का परित्याग केवलीचर्या का छठा वर्ष पुद्गल परिव्राजक का बोध केवलीचर्या का सातवाँ वर्ष केवलीचर्या का आठवाँ वर्ष केवलीचर्या का नवम वर्ष केवलीचर्या का दशम वर्ष केवलीचर्या का ग्यारहवाँ वर्ष स्कंदक के प्रश्नोत्तर केवलीचर्या का बारहवाँ वर्ष केवलीचर्या का तेरहवाँ वर्ष केवलीचर्या का चौदहवाँ वर्ष काली आदि रानियों को बोध केवलोचर्या का पन्द्रहवाँ वर्ष गोशालक का आनन्द मुनि को भयभीत करना। प्रानन्द मुनि का भगवान् से समाधान गोशालक का आगमन .. . सर्वानभूति के वचन से गोशालक का रोष गोशालक की अन्तिम चर्या शंका समाधान भगवान् का विहार भगवान् की रोगमुक्ति कुतर्कपूर्ण भ्रम गौतम की जिज्ञासा का समाधान केवलीचर्या का सोलहवाँ वर्ष केशी-गौतम-मिलन शिव राषि केवलीचर्या का सत्रहवाँ वर्ष केवलोचर्या का अठारहवाँ वर्ष दशारणंमद को प्रतिबोध सोमिल के प्रश्नोत्तर केवलीचर्या का उन्नीसवाँ वर्ष अम्बड़ की चर्या केवलीचर्या का बीसवाँ वर्ष
६३६
لسم لله
....
....
६३८ ६३६
....
६४३ ६४६ ६४६ ६५० ६५४
५
....
....
६५८
....
६५८
....
६६०
....
میں کن ک
६६२
vi
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org