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डॉ. के. आर. चन्द्रा का हिन्दी भाषा में साहित्यिक योगदान
साहित्यिक रचनाएँ १. मुनिचंद-कहाणयं, मूलकथा, गुजराती अनुवाद, तुलनात्मक एवं आलोचनात्मक अध्ययन, प्रथम
संस्करण, जयभारत प्रकाशन, १९७३, द्वितीय संस्करण, १९७७ २. अभयक्खाणं, मूलकथा, गुजराती अनुवाद, तुलनात्मक एवं आलोचनात्मक अध्ययन, सरस्वती प्रकाशन,
अहमदाबाद, १९७५ ३. भारतीय भाषाओं के विकास और साहित्य की समृद्धि में श्रमणों का महत्त्वपूर्ण योगदान, प्राकृत
जैन विद्या विकास फंड, अहमदाबाद, १९७९ ४. प्राकृत भाषाओं का तुलनात्मक व्याकरण एवं उनमें प्राप्त प्राक्-संस्कृत तत्त्व, प्राकृत विद्यामंडल,
अहमदाबाद, १९८२ ५. प्राकृत-हिन्दीकोश [पाइयसद्दमहण्णवो का किञ्चित् परिवर्तितरूप], प्राकृत जैन विद्या विकास फंड,
अहमदाबाद, १९८७
६-८ सह-संपादक : गुजरात राज्य स्कूल टेक्स्ट बुक बोर्ड, अहमदाबाद ६. प्राकृत गद्य-पद्य-संग्रह, कक्षा, ११, १९७६ ७. पालि गद्य-पद्य-संग्रह, कक्षा, ११, १९७६ ८. प्राकृत गद्य-पद्य-संग्रह, कक्षा, १२, १९७७ ९. नम्मयासुंदरी कहा, हिन्दी अनुवाद के साथ [सह-अनुवादक] प्राकृत जैन विद्या विकास फंड, १९८९ १०. प्राचीन अर्धमागधी की खोज में, प्राकृत जैन विद्या विकास फंड, १९९१-९२ ११. जैन आगम साहित्य (सेमिनार ऑन जैन केनोनिकल लिटरेचर] (१९८६)
प्राकृत जैन विद्या विकास फंड, १९९२ १२. परंपरागत प्राकृत व्याकरण की समीक्षा और अर्धमागधी, प्राकृत जैन विद्या विकास फंड, अहमदाबाद,
१९९५ आचारांग, प्रथम श्रुतस्कंध, प्रथम अध्ययन का भाषिक दृष्टि से पुनः संपादन, प्राकृत जैन विद्या
विकास फंड, अहमदाबाद, १९९७ १४. इसिभासियाई का अशेष प्राकृत-संस्कृत शब्दानुक्रमणिका २००० १५. प्रवचनसार की अशेष प्राकृत-संस्कृत शब्दानुक्रमणिका २००१ १६. प्राकृत भाषाओं का तुलनात्मक व्याकरण [एवं अर्धमागधी], द्वितीय संस्करण २००१ १७. जिनागमों की मूल भाषा
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