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દ્રવ્યાનુયોગ ભાગ-૧ (१) ४७५२ (२) ५१५२ (3) य२. प्र. ४७३२ नपुंस 3240 रन छ ? 6. आखिने छोडसने पूर्वोतो .
१. जलयरा, २. थलयरा, ३. खहयरा ।। प. से किं तं जलयरा ? उ. सो चेव पुवुत्त भेओ आसालियवज्जिओ भाणियबो।
-जीवा. पडि. २, सु. ५८ (३) मणुस्सनपुंसगाप. से किं तं मणुस्सनपुंसगा? उ. मणुस्सनपुंसगा तिविहा पण्णत्ता, तं जहा
१. कम्मभूमगा, २. अकम्मभूमगा, ३. अंतरदीवगा।
- जीवा. पडि. २, सु. ५८ ३९. चउबिहा जीवा
चउविहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता, तं जहा
(3) मनुध्य नपुंस : પ્ર. મનુષ્ય નપુંસક કેટલા પ્રકારના છે ? 6. मनुष्य नपुंस. १९ १२ना या छ, भ3
(१) भभूम४, (२) उभभूम, (3) संतरी५४.
36. ॥२ ५२न। ७१ :
સંસાર સમાપન્નક જીવ ચાર પ્રકારના કહ્યા છે.
भ: - (१) नैयि, (२) तिर्यययोनि, (3) मनुष्य, (४) हेव.
४०. पांय ५२न। ०१:
સંસાર સમાપન્નક જીવ પાંચ પ્રકારના કહ્યા છે, જેમકે(१) मेन्द्रिय -यावत्- (५) येन्द्रिय.
१. नेरइया,
२. तिरिक्खजोणिया, ३. मणुस्सा,
४. देवा।३
- ठाणं.अ.४, उ.४, सु. ३६५ ४०. पंचविहा जीवा
पंचविहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता, तं जहा१. एगिंदिया -जाव- ५. पंचेंदिया।
- ठाणं.अ.५,उ.३, सु. ४५८/१ ४१. छबिहा जीवा
छविहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता, तं जहा१. पुढविकाइया -जाव- ६. तसकाइया।
- ठाणं.अ.६, सु. ४८२/१ ४२. सत्तविहा जीवा
सत्तविहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता, तं जहा१. नेरइया,
२.तिरिक्खजोणिया, ३. तिरिक्खजोणिणीओ, ४. मणुस्सा, ५. मणुस्सीओ, ६. देवा, ७. देवीओ।
- ठाणं.अ.७, सु.५६०
४१. ७ ५२ना :
સંસાર સમાપન્નક જીવ છ પ્રકારના કહ્યા છે, જેમકે(१) पृथ्वीय -यावत्- (G) सं1ि5.
४२. सात ५२न। ७१ :
સંસાર સમાપન્નક જીવ સાત પ્રકારના કહ્યા છે, જેમકે(१) नैयि,
(२) तिर्थययोनिक
(२) तयय (3) तिर्थयाए, (४) मनुष्य, (५) मनुष्याी , (७) ४१, (७) हवी.
१. ४.
ठाणं. अ. ३, उ. १, सु. १३९/३ (क) जीवा. पडि. ४, सु. २०७ (ख) पण्ण. प. १, सु. १८
३. ६.
जीवा.पडि.३, सु. ६५ जीवा.पडि. ६, सु. २२५
२. ठाणं. अ. ३, उ. १, सु. १३९/३ ५. (क) जीवा. पडि.३, सु. १००
(ख) जीवा.पडि. ५, सु. २१० (ग) विया. स. ७, उ. ४, सु. २.
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