________________ 327 186 परि. 19 : शब्दार्थ जावंतिय-यावदर्थिक, औद्देशिक का 98,105/1, एक भेद। जावण-यापन, बिताना। 90/3 जितसत्तु-जितशत्रु राजा। 53/1 * जीर-जीर्ण होना, पचना। 295/9 जुंगिय-हाथ-पैर से हीन। 210/2 जुग-शकट का अंग, गाड़ी या हल खींचते समय जो बैलों के कंधे पर रखा जाता है। 136/1 जुगव-युगपद्, एक साथ / 57/4 जुत्त-युक्त। 108 जुद्ध-युद्ध / 202 जुम्म-युग्म। जुय-यूप। 61/1 जुय-युक्त। 90/3 जुवराय-युवराज। 231/11 जुसिय–आश्रित, सेवित। 210/3 जूह-यूथ। 236 जूहवति-यूथपति। 236/1 जोणि-योनि। 231/5 जोति-ज्योति। 138 जोतिस-ज्योतिष्। * झंख-बार-बार बोलना / 132 झाण-ध्यान। 316 ठप्प-स्थाप्य। ठवणा-स्थापना। ठवियग-स्थापना दोष, भिक्षा का एक दोष। 287 ठाण-१. उत्कटुक आदि आसन, 207/2, 2. स्थान, 136, 3. कायोत्सर्ग। 14 ठित-स्थित। ठिति-स्थिति। 64 डक्क-सांप आदि का डसा हुआ। 166/2 डगलग-पाषाण-खण्ड, ___ पक्की ईंट के टुकड़े। 14 डहण-दहन, जलाना। 281 डाह-दाह। 264 डुंब-महावत। 185 डोय-लकड़ी का बड़ा चम्मच। 112 ढक्कित-ढ़का हुआ। ওও ढड्डर-उच्चस्वर। 198/14 णात-१. ज्ञात, अवगत, 144/1, 2. उदाहरण। 204 णित- ले जाते हुए। 91/3 णीहम्मिय-बाहर निकलना। 136/3 णेज्ज-ज्ञेय। 73/17 णेय-ज्ञेय, जानने योग्य। 7013 ण्हवणधाती-स्नान कराने वाली धात्री। 198/12 ण्हायय-स्नातक, एक प्रकार का महिला प्रधान पुरुष। 219/6 तंडुल-तण्डुल, चावल। 17/1 तक्क-तक्र, छाछ। 128/3 तच्चण्णिय-बौद्ध भिक्षु। 166/1 तण-तृण। 210/4 तणाइहार-घास काटने वाला। 91/1 तणुई-पतली। 198/7 तणुकोट्ठ-शरीर। 90/4 तणुवाय-तनुवात, सूक्ष्म वायु विशेष। 27 ततिय-तृतीय। 192/4 तत्ति-तप्ति, चिन्ता। 89/8 तत्तिय-उतना। 117/3 तद्दोसी-कुष्ठ रोगी। 276 तमिस-अंधकार। 138/2 तम्मण-तन्मय। 96/3 तय-त्वक्। 117/4 * तर-समर्थ होना। . 240/1 तरी-छोटी नौका। . 153 57/1 94 68/7 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org