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________________ परम पूज्य कलिकाल सर्वज्ञ सौधर्म बृहत्तपागच्छ नायक अभिधान राजेन्द्र कोष के प्रणेता श्रीमोहनखेड़ा तीर्थ संस्थापक जावरा नगर में क्रियोद्धार कर्ता भट्टारक जैन श्वेताम्बराचार्य देव प्रभु श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी महाराज के परमोपासक अपने पिताजी श्रीमोतीलालजी नाहटा के पद चिह्नों पर चलते हुवे अपनी माताजी से संस्कार पाकर व्यापार व्यवसाय में उन्नती करते हुवे सफल यशस्वी उद्योगपति बने । जावरा चौपाटी क्षैत्र में जिनेन्द्र भगवान का मंदिर नहीं था उसके लिये एक विशाल भूखण्ड भेंट कर श्रीशंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान का दादागुरुदेव भगवन्त का मंदिर बनवाया । नगर पालिका चेयरमेन रहकर नगर का विकास किया। वह आज भी आपके कार्यों का स्मरण करवाता है। दादावाडी प्रतिष्ठोत्सव के अध्यक्ष श्रीशंखेश्वर पार्श्व राजेन्द्र चेरिटेबल के अध्यक्ष रहे। श्रीफतेहलालजी नाहटा आपकेपरिवार में चारों पुत्र आपकेपद चिह्नों पर चल सभी धर्म केयासंसारकेसभी कार्यरुचिसे करते हैं। श्री पदमकुमार व धर्मपत्नी अं. सौ. कल्पना देवी, श्रीकमलकुमार व धर्म पत्नी अं. सौ. मंजू देवी, श्रीचन्द्रप्रकाशवधर्मपत्नी कुसुमदेवी, श्रीअतुलकुमार व धर्मपत्नी अं.सौ. संगीतादेवी, सुपुत्री श्री सौ मीनादेवी वागरेचा श्री अं.सौ. प्रेमलतादेवी कावेडीया वसौ. अं.संगीता देवी छाजेड़, पौत्र श्रीकान्त, दीपक, प्रणय, अमन, पौत्री पूजा, पायल, आरती, प्रियंका, अर्पिता। ग्रन्थ प्रकाशन समिति श्रीमती कमलबाई नाहटा श्री राजेन्द्र प्रवचन कार्यालय श्री मोहन खेड़ा तीर्थ फर्म - रत्नराज इन्डस्ट्रीज पोस्ट राजगढ़ जिला- धार (म.प्र.) चौपाटी, जावरा जिला : रतलाम (म.प्र.) For Private Personal use only www.jainelibrary.org D i on International
SR No.001933
Book TitleMuhurtraj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay
PublisherRajendra Pravachan Karyalay Khudala
Publication Year1996
Total Pages522
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size11 MB
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