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२८ ]
क्र.सं. शीर्षक नाम
१ गृह निर्माण प्रयोजन
२
ग्राम अथवा नगर में गृह निर्माणार्थ स्व शुभाशुभ एवं गृह द्वार
३ काकिणी के सम्बन्ध में स्पष्टतया निर्देश
४
५
गृह निर्माणार्थं काकिणी बोध एवं तत्शुभाशुभ फल बोधक सारणी
६ राशि वर्ण परत्व गृह द्वारा निवेशन दिग् बोध सारणी
७
८
९
१०
११
१२
१६
१७
a = a m m x I w
१९
(अथ वास्तु प्रकरणम्) ४
२०
१३ आयानुसार गृह द्वार
१४
१५
गृह निर्माणार्थ गृहकर्ता एवं ग्राम / नगर राशिमेलापक सारणी
२२
राशि सम्बन्ध से ग्राम निवास निषिद्ध स्थान
१८ दिशानुसार अलिन्द स्थिति से भवनों
२३
आयादि लाने के प्रकार
उदाहृत क्षेत्रफलीय भूभाग आयादि
बोध सारणी
आयों के नाम उनकी दिशास्थिति एवं
२५
शुभाशुभता
आयों के ग्रहण करने की व्यवस्था
स्थानानुसार आय ग्रहण व्यवस्था बोध सारणी
आयानुसार द्वार निवेश सारणी
व्यय लाने का प्रकार
अंश लाने का प्रकार
घरों के नाम
के नाम, फल सारणी
२१ धन ऋण फल
आयफल
वारफल
ताराफल
नक्षत्रफल
२४ एक नाड़ी दोषाभाव
गृहारम्भ में समय निषेध
२६ वास्तु में चन्द्रबल
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क्र.सं. शीर्षक नाम
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२८ वास्तु शास्त्रोक्त नक्षत्रानुसार राशि
बोधक सारणी
२९
गृहारम्भ वृष वास्तु चक्र फल सहित
३०
वृष वास्तु चक्र सारणी I
३१
वृष वास्तु चक्र सारणी II
३२ सौर चान्द्र मासों की एकता से गृह द्वार
दिशाएँ निर्माण नक्षत्रादि
३३
गृहारम्भ में चान्द्रमास एवं फल
३४
द्वार नियम
३५
गृहारम्भ में सौर चान्द्र मास समन्वय
३६ गेहारम्भार्थ संक्रान्तियों एवं तत्संयोग
से मासों की प्राहयाग्राह्यता सारणी
तृणादि निर्मेय गृहारम्भ में
तिथ्यनुसार गृह द्वार निषेध
पूर्वादि दिग्द्वार गृहों के ४ मानचित्र
गेहारम्भ में विहित एवं निषिद्ध तिथियाँ
गेहारम्भ में पंचांग शुद्धि
गेहारम्भ में त्याज्य एवं प्राह्य वार
४३ गेहारम्भ नक्षत्र
२
विभिन्न दिग्द्वारीय भवनों के मान चित्रानुसार चन्द्र स्थिति
४५
४६
४७
४४ देवालय गृह एवं जलाशय निर्माण में
५०
५१
५२
५३
५४
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राहुमुख
खातारम्भ के लिए भिन्न-भिन्न मत
४८
खातारम्भ नक्षत्र
४९ खात, पट्टाभिषेकादि के लिए उपयुक्त
नक्षत्र ज्ञापक सारणी
[ मुहूर्तराज
भूमिशयन विचार
भूशयन ज्ञानोपाय सारणियाँ २
वत्सचार ज्ञान
वत्स रूप
वत्सचार सम्बन्धी विशेष
वस्तचार एवं तत्स्थिति बोधक चक्र
देवालयादि के खातारम्भ में राहुमुख मानचित्र देवालयादि के खातोपयुक्त विदिह् मानचित्र
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