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________________ ३८४ ] [ मुहूर्तराज ॥ अथ कतिपय सुयोग संग्रहः ॥ ॥ रवियोग तालिका ॥ चन्द्रनक्षत्र निम्न क्रमांक का हो यदि सूर्य के महानक्षत्र से १० २० १३ दसवां । तेरहवां | बीसवां समस्त अशुभ योगों का नाश करके शुभ फलदायी होता है चौथा छठा नवां ॥ कुमार योग तालिका ॥ वार तिथि नक्षत्र चन्द्र, मंगल, बुध, शुक्र १, ५, ६, १०, ११ अनु. रोहि. पुन. म. ह. वि. मू. श्र. पू. भा. किसी एक वार को + किसी एक तिथि + किसी एक नक्षत्र के होने पर ॥ राज योग तालिका ॥ वार तिथि नक्षत्र २, ३, ७, १२, १५ भ. मृ. पुष्य, पू.फा. चित्रा अनु. पू.षा. धनि. उ. भाद्र रवि, मंगल, बुध, शुक्र कोई एक वार + कोई एक तिथि + कोई एक नक्षत्र होने पर ॥ अमृतसिद्धि योग तालिका ॥ वार → रवि सोम मंगल । बुध शुक्र शनि नक्षत्र → मृग. अश्विनी अनु. रेवती रोहिणी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001933
Book TitleMuhurtraj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay
PublisherRajendra Pravachan Karyalay Khudala
Publication Year1996
Total Pages522
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size11 MB
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