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क्र.सं. शीर्षक नाम
१०८ कण्टक एवं उपकुलिक योग
१०९ कण्टक एवं उपकुलिक योग शापक सारणी
११० कुलिक योग
१११ कुलिक योग शापक चक्र
११२ संवर्त योग
११३ यमघण्ट योग
११४ यमघण्ड योग का अपवाद
११५ उत्पात् मृत्यु काण एवं सिद्धि योग
११६ दुष्ट योगों की भी देश भेद से अदुष्टता ११७ व्यतिपातादि कुयोग भी मध्याहन के बाद दोषदायी नहीं
११८ तिथि विशेष योग होने पर भी शुभ कृत्यों में हस्तार्कादि योगों की त्याज्यता
११९ सिद्धियोग भी कार्य विशेष में निन्दनीय १२० सूर्यादिवारों और नक्षत्र विशेषों के योग से सर्वार्थसिद्धि योग
१२१ दिन एवं नक्षत्र योग जन्य सर्वार्थ सिद्धि योग ज्ञापक सारणी
१२२ सिद्धियोग एवं उनके फल
१२३ कुमार योग
१२४. कुमार योग ज्ञापक चक्र
१२५ कुमार योग के सम्बन्ध में श्रीहरिभद्र सूरि १२६ राजयोग
१२७ अनेक दोषापवाद भूत रवियोग
१२८ राजयोग ज्ञापक सारणी
१२९ रवियोग ज्ञापक सारणी १३० कुयोग ज्ञापक सारणी
(करण विचार)
१३१ चर करण नाम
१३२ स्थिर करण नाम
(चन्द्र विचार)
१३३ गोचरगत चन्द्र फल १३४ चन्द्र के रुप्यादि पायों का ज्ञान १३५ घातचन्द्र दोष
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क्र.सं. शीर्षक नाम
१३६ घातचन्द्र की वर्ज्यता एवं ग्राह्यता १३७ स्त्री घातचन्द्र
१३८ पुरुष स्त्री घातचन्द्र ज्ञापक सारणी
१३९ स्त्री, पुरुष के लिए चन्द्रबल की कुछ
विशेषता
१४० जन्मराशि नक्षत्रादि के अज्ञान में उनके
जानने का उपाय
१४१ नाम राशि ग्रहण विचार
१४२ बारहवां चन्द्र भी शुभ
१४३ जन्म चन्द्र विचार
१४४ सभी कार्यों में चन्द्रबल की विशेषता
(तारा विचार)
१४५ तारा बल ज्ञान १४६ ताराओं के नाम
१४७ जन्मतारा की शुभाशुभता
१४८ अशुभतारा शापक सारणी
१४९ आवश्यक कृत्यों में तारा परिहार
(भद्रा विचार)
१५० भद्रा नियत काल
१५१ भद्रा ज्ञापक सारणी
१५२ बृहस्पति की भद्रा विषयक स्पारोक्ति
१५३ भद्रा अंग विभाग व फल
१५४ भद्रा के तीन परिहार
१५५ भद्रा में करने योग्य कार्य
१५६ भद्रा निवास एवं तत्फल
[ मुहूर्तराज
१५७ भद्रा मुख पुच्छ विभाग १५८ भद्रा मुख पुच्छ घटीमान प्रहरानुसार ज्ञापक सारणी
१५९ समस्त कार्यों में वर्जनीय पंचांग दूषण
(गुरु शुक्र विचार)
१६० गुरु एवं शुक्र अस्त काल में वर्जनीय कार्य १६१ सिंह एवं मकर राशि स्थित गुरु दोष १६२ गुर्वादित्य पदार्थ के विषय में १६३ गुरु-शुक्र- बाल्य - वार्धक्य दिन संख्या
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