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________________ * प्रस्तुति * श्री शांतिलालजी वक्तावरमलजी मूथा आहोर दक्षिणार्ध भरत क्षेत्र का क्षेत्रफल तीन सौ क्रोड किलोमीटर जम्बूद्वीप जो कि एक लाख योजन का है जिसमें भरत क्षेत्र १/१९० का भाग है जो श्री शान्तिलालजी मूथा कि ५२६ योजन ६ कला है। पूरे जम्बू द्वीप का क्षेत्रफल सातसो नेक क्रोड योजन है । जिसका १९० वा भाग भरत क्षेत्र का क्षेत्रफल ४ क्रोड १५ लाख योजन है । जिसमें उत्तर भरत क्षेत्र दक्षिण भरत क्षेत्र के बीच में ५० योजन का वैताङ्गडय पर्वत है। जिसका क्षेत्रफल ३९ लाख ५० हजार योजन है । ऊपर की ४ क्रोड १५ लाख योजन में बाद करने पर ३ क्रोड ७५ लाख ५० हजार योजन शेष रहता है । उसका आधा दक्षिर्णाध भरत क्षेत्र का क्षेत्रफल एक क्रोड ८७ लाख ७५ हजार योजन है । एक योजन ४ कोश का होता है । ४ कोषका कोष कोष १३ किलोमीटर लम्बा होता है। उसका एक योजन का १७० किलोमीटर हुआ । जो १ क्रोड ८७ लाख ७५ हजार के १७० से 9 गुणा करने पर ३१९ क्रोड १७ लाख ५० हजार किलोमीटर होता है। जो कि आज की दुनिया चालीस हजार किलोमीटर व गोलाकार में ८० हजार किलोमीटर है। Jain Education International For Private & Personal Use Only 25 www.jainelibrary.org
SR No.001933
Book TitleMuhurtraj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay
PublisherRajendra Pravachan Karyalay Khudala
Publication Year1996
Total Pages522
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size11 MB
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