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[३४३
मुहूर्तराज ]
साधक अक्षर - म, मा, मी, मु, मू, मे, मै (मे मै १ पाद ७-१७-२३ भवेध)।
साध्यजिन
तारा
योनि
वर्ग
विंशोपक
गण
राशि नाडी
-
सिंह
साध्यनाम
स्वकीय विरुद्ध
मूषक बिडाल
लभ्य
राक्षस देव मनु.
| अन्त्य अन्त्यवेध
अशुभ
भवेध
शभ
अशुभ अशुभ
कुवर
स्व
स्व
अशुभ अशुभ
शुभ
वेध
श्रेष्ठतर
शुभ
श्री ऋषभदेवजी श्री अजितनाथजी श्री सम्भवनाथजी श्री अभिनन्दनजी श्री सुमतिनाथजी श्री पद्मप्रभुजी |श्री सुपार्श्वनाथजी श्री चन्द्रप्रभजी श्री सुविधिनाथजी |श्री शीतलनाथजी |श्री श्रेयांसनाथजी
श्री वासुपूज्यजी |श्री विमलनाथजी |श्री अनन्तनाथजी |श्री धर्मनाथजी |श्री शान्तिनाथजी
श्री कुंथुनाथजी |श्री अरनाथजी |श्री मल्लिनाथजी श्री मुनिसुव्रतजी श्री नमिनाथजी श्री नेमिनाथजी श्री पार्श्वनाथजी श्री महावीरस्वामीजी
प्रीति
वेध
अशुभ
कुवर
पीति ।
शभ
अशुभ अशुभ अशुभ
शुभ
राशि
एकनाथ
वर्ण
क्षत्र
युजि
पति सूर्य
वश्य बिना धनु व वृश्चिक के
नक्षत्र मघा
। मध्य
०
क्षत्रिय
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