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मुहूर्तराज ]
[.२७७ (३) सप्तमांश :
सप्तमांश में राशि के ७ भाग किये जाते हैं इन सातों खण्डों में अंश स्थिति इस प्रकार है :
॥ सप्तमांश खण्ड सारणी ॥
खण्ड
विशेष :____ विषम राशियों में उसी राशि से गणना करनी चाहिए परन्तु यदि सम राशि हों तो उसमें ७ वीं राशि से। इस प्रकार सप्तमांश में लग्नादिकों का सप्तमांश सिद्ध हो जाता है। (४) नवमांश :
इसमें राशि को नौ भागों में विभक्त करने पर प्रत्येक खण्ड ३ अंश और २० कलात्मक होता है। इसके अंशादि निम्नरूपेण हैं
॥ नवमांश खण्ड सारणी ॥
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४०
विशेष :
मेष सिंह एवं धन में मेष से, वृष, कन्या एवं मकर में मकर से, मिथुन, तुला और कुंभ से तथा कर्क, वृश्चिक और मीन में कर्क से गणना करके उपर्युक्तखण्डलिखित अंशादिकों के अनुसार नवांश की अभीष्ट राशि लग्नादिकों की ज्ञात होती है।
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