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राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त तीर्थंकर ग्रन्थ लिखने की योग्यता और श्रद्धा आपमें भरपूर है । आपने सुन्दर और उपयोगी कार्य किया है । मुझे आशा है कि इस ग्रन्थ का सर्वत्र समादर होगा । प्रसिद्ध इतिहासवेत्ता डॉ० राधाकुमुद मुकर्जी आपकी रचनाओं में सांस्कृतिक सामग्री का विपुल भंडार है, जिसका व्यापक ज्ञान आवश्यक है। इस दृष्टि से आपके प्रकाशन अत्यन्त उपयोगी
जैन-मित्र, सूरत पाँचों कल्याणकों का ऐसा वर्णन प्रथम ही प्रगट हुआ है। बड़ी विद्वत्ता के साथ वर्णन किया गया है । जैन-दर्शन, सोलापुर तीर्थंकरों के पंचकल्याणक सम्बन्धी घटनाओं का वर्णन बहुत सुन्दर ढंग से किया गया है । यह पुस्तक अत्यन्त उपयोगी है, विद्वान लेखक ने इसको लिखकर मुमुक्षु जनता के प्रति भारी उपकार किया है । जैन-संदेश, मथुरा ग्रंथ में वर्णित विषयों का बड़े श्रमपूर्वक संकलन किया है । अनेकानेक अवतरण देकर ग्रंथ को अत्यन्त उपयोगी बना दिया है । विभिन्न गढ़ विषयों पर लेखक ने अपनी लेखनी चलाई है।
Durationale
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