________________
प्रकीर्णक सूची
६३०
गाथा ८८
घ- रोगों की उत्पति का हेतु
ङ- शरीरस्थ रक्तादि का प्रमाण गद्य पाठ सूत्र १७ ८३-८४ मानव शरीर का अन्तरङ्ग दर्शन सूत्र १८ ८५-६५ देह की अपवित्रता का वर्णन १६-१२१ क- व्यक्ति की राग दृष्टि
__ ख- राग निवारण का उपदेश गद्य पाठ सूत्र १६
स्त्रियों की विकृत दशा का वर्णन स्त्रियों के विकृत जीवन के सूचक ६३ नाम
स्त्री वाचक शब्दों का निरुक्त १२२-१२६ स्त्रियों के कुटिल दृश्य का वर्णन
१३० मोहान्ध को उपदेश देना निरर्थक
१३१ मोह की निरर्थकता १३२-१३५ धर्माचरण के लिये उपदेश
धर्म का फल १३७-१३६ उपसंहार
६ संस्तारक प्रकीर्णक १-१५ संथारे (अन्तिम साधना) की महिमा
संथारा करने वालों का अनुमोदन
प्रशस्त संथारा ३३-३५ अप्रशस्त संथारा ३६-४३ प्रशस्त संथारा ४४-५० संथारे से लाभ
یہ
67 m
الله
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org