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________________ प्रकीर्णक--सूची ६२७ सूत्र ६ घ- उत्कृष्ट सर्वार्थ सिद्ध ५ तन्दुल वैचारिक प्रकीर्णक १ महावीर वन्दना, आदि वाक्य २ सौ वर्ष की आयु की दश-दशा ३ क- गर्भस्थ जीव के अहोरात्र ख- " . जीव के मुहूर्त ग- गर्भस्थ जीव के श्वासोच्छवास घ- " ' का आहार ४-५ गर्भस्थ जीव के अहोरात्र गर्भस्थ जीव के मुहूर्त गर्भस्थ जीव के श्वासोछ वास ६-१२ नो लाख जीवों का उत्पत्ति स्थान स्त्री-पुरुष का अबीजकाल १४ क्रोड़ पूर्व की आयुवालों का अबीजकाल १५ क- बारह मुहूर्त में जीवों की उत्पत्ति ख- बारह वर्ष पर्यन्त गर्भस्थ जीव की उत्कृष्ट पितृ-संख्या १६ क- स्त्री, पुरुष और नपुंसक का कुक्षी स्थान ख- तिर्यच का उत्कृष्ट गर्भ-स्थिति काल १७ गर्भस्थ जीव का सर्व प्रथम आहार गद्य पाठ सूत्र १-२ गर्भस्थ जीव का वृद्धि क्रम ३ क- गर्म स्थ जीव के मल-मूत्र का अभाव " आहार सा परिणाम कवलाहार का अभाव का ओज आहार के तीन मान्यङ्ग और तीन पित्र्यङ्ग Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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