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प्रकीर्णक-सूची
१२५
गाथा ६४
४१
शात
६३
सुख विरेचन शीतल क्वाथ का पान मधुर विरेचन
यावज्जीवन के लिये तीन आहार का त्याग ४४ आचार्य या संघ से निवेदन ४५.४६ चार आहार का त्याग ४७-५० क्षमा याचना ५१-५८ आचार्य का उपदेश ५६ क- मिथ्यात्व का त्याग
ख- सम्यक्त्व में दृढता
ग. नमस्कार सूत्र का जाप ६०-६२ मिथ्यात्व का फल
अप्रमाद का उपदेश ६४ चार प्रकार का प्रशस्तराग ६५-६६ दर्शन भ्रष्ट और चारित्र भ्रष्टमें अन्तर
६७ अविरत का तीर्थंकर नाम कर्म सम्पादन ६८-६६ सम्यक् वर्शन महिमा ७०-७५ भक्ति मार्ग ७६-८१ नमस्कार सूत्र आराधना का फल ८२-८३ ज्ञान महिमा
४-८५ चंचल मन का बंधन-ध्यान ८६-८८ श्रुत-महिमा
हिंसा का त्याग दयाधर्म की आराधना
अहिंसा की महिमा ६२-६३ जीव हिंसा स्वहिंसा है ६४
हिंसा का फल
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