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________________ सूत्र १७२ ६०८ च - मुक्त होने वाली आर्यिकाएँ छ- भ० पार्श्वनाथ के अनुयायी विपुलमती मनः पर्यव ज्ञानी मुनि ज- भ० पार्श्वनाथ के अनुयायी वादलब्धि सम्पन्न मुनि झ- भ० पार्श्वनाथ के अनुयायी अनुत्तर विमानों में उत्पन्न होने वाले मुनि भ० पार्श्वनाथ के पश्चात् मुक्त होनेवाले मुनि १६७ १६८ क- भ० पार्श्वनाथ का गृहवास काल ख- भ० पार्श्वनाथ का छद्मस्थ जीवन १६६ ग- भ० पार्श्वनाथ का केवलज्ञान युक्त जीवन घ- भ० पार्श्वनाथ का श्रमण जीवन कल्पसूत्र - सूची ङ- भ० पार्श्वनाथ का सर्वायु व- श्रावण शुक्ला अष्टमी के दिन सम्मेत- शैल शिखर पर चौतीस पुरुषों के साथ भ० पार्श्वनाथ का निर्वाण कल्प सूत्र का लेखन काल भ० नेमनाथ १७० भ० अरिष्ट नेमिनाथ के पाँच कल्याण १७१ क- कार्तिक कृष्णा द्वादशी के दिन अपराजित विमान से भ० अरिष्ट नेमिनाथ की आत्मा का च्यवन ख- जम्बूद्वीप, भरत, सौर्यपुर नगर, समुद्रविजय राजा, शिवा देवी ग- शिवा देवी की कुक्षी में भ० अरिष्टनेमि की आत्मा का अवतरण घ- चौदह स्वप्न, गर्भपालन आदि १७२ क- श्रावण शुक्ला पंचमी के दिन भ० अरिष्ट नेमिनाथ का जन्म ख- अरिष्ट नेमिनाथ नाम देने का हेतु ग- अरिष्ट नेमिनाथ की तीन सो वर्ष की वय होने पर लोकान्तिक देवों का आगमन घ- तीर्थ प्रवर्तन के लिये प्रार्थना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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