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कल्पसूत्र विषय-सूची
परमेष्ठी नमस्कार भगवान महावीर
१
भ० महावीर के पाँच कल्याण
क- आषाढ़ शुक्ला षष्ठी की रात्रि में देवलोक से च्यवन
ख- चतुर्थ आरक के ७५ वर्ष अवशेष
ग- माहणकुण्ड ग्राम का कोडाल गोत्रीय ऋषभदत्त ब्राह्मण, जालंधर- गोत्रिया देवानन्दा बाह्मणी
घ- मध्यरात्रि में गर्भावतरण
३-४ भ- भ० महावीर के तीन ज्ञान
ख- देवानन्दा के चौदह स्वप्न
ऋषभदत्त से स्वप्न दर्शन के सम्बन्ध में देवानन्दा का निवेदन
५-६
७-१०
ऋषभदत्त का स्वप्नफल कथन
११-१२ देवानन्दा द्वारा स्वप्नफल धारणा
१३-१४ शक्रेन्द्र का अवधिज्ञान द्वारा भ० महावीर का गर्भावतरण १५ शक्र स्तव, शक्र संकल्प
१६-१७ तीर्थंकर उत्पत्तिकुल का चिन्तन
१८ क - ब्राह्मणकुल में अवतरण एक आश्चर्यजनक घटना
ख- घटना का मूल हेतु
१६- २४ शक्र का स्वकर्तव्य चिन्तन
२५ हरिणैगमेषी को गर्भ साहारण का आदेश
२६-२८ क - ह्रिणैगमेषी का वैक्रय
ख- देवानन्दा के गर्भ का साहारण
ग- क्षत्रियकुण्डग्राम,
काश्यप
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गोत्रीय
सिद्धार्थ
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क्षत्रिय,
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