________________
उत्तराध्ययन-सूची
८२१
अ०३६ गाथा २६६
२६४
२६५
२६७
कंदर्प भावना वर्णन अभियोग भावना वर्णन किल्विष भावना वर्णन आसुरी भावना वर्णन मोह भावना वर्णन उपसंहार---छत्तीस उत्तराध्ययनों के कथन के पश्चात भ० महावीर को निर्वाण की प्राप्ति
२६६
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org