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णमो णिग्गंथाणं
गणितानुयोगमय चन्द्रप्रज्ञप्ति सूर्यप्रज्ञप्ति
अध्ययन
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प्रामृत
२०२०
प्राभृत प्राभृत
उपलब्ध मूल पाठ उपलब्ध मूल पाठ गद्य-सूत्र
३१३१ २२०० श्लोक परिमाण २२०० श्लोक परिमाण
१०८१०८
पद्य-गाथा
१०३।१०३
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