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भब भ में
श्रु०२ अ०१ उ० ६. सू०३६ ३३ आचारांग-सूची ख विषम मार्ग यद्यपि सीधा हो तो भी उस मार्ग से भिक्षा के
लिए जाने का निषेध विषम मार्ग में गिर जानेपर अशुभ पुद्गलों से लिप्त शरीर
को पूंछने की विधि २७ क सीधे मार्ग में यदि उन्मत्त या हिंसक पशु आदि हों तो उस
मार्ग से भिक्षा के लिये जाने का निषेध सीधे मार्ग में यदि गड्ढे आदि हों तो उस मार्ग से भिक्षा
के लिये जाने का निषेध २८ क भिक्षाकाल में आज्ञा लिये बिना गृहद्वार खोलने का निषेध
आज्ञा लेकर गृहद्वार खोलने का विधान पूर्व प्रविष्ट तथा पश्चात् प्रविष्ट श्रमण को किसी घर में सम्मिलित आहार प्राप्त हो तो उसके परिभोग की विधि जिस गृह में पूर्व प्रविष्ट श्रमण हो उस गृह में भिक्षार्थ जाने
की विधि सूत्र संख्या ६
षष्ठ उद्देशक कुक्कुट आदि जिस मार्ग में दाना चुगते हों उस मार्ग से
भिक्षार्थ जाने का निषेध ३२ क
गृहस्थ के घर में निदिध स्थानों में खड़े रहने का तथा
इधर उधर देखने का निषेध ख अविधि से याचना करने का निषेध
गृहस्थ को कठोर वचन कहने का निषेध कालत्रय में औद्देशिक आहार लेने का निषेध दाता यदि अविधि से आहार दे तो लेने का निषेध विधि से दे तो लेने का विधान कालत्रय में पिष्ट या भिन्न अप्रासुक दे तो लेने का निषेध
अग्निपर रखा हुआ आहार लेने का निषेध सूत्र संख्या ६
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