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णमो णिग्गंथाणं
द्रव्यानुयोग-प्रधान राजप्रश्नीय-उपांग
अध्ययन उद्देशक उपलब्ध मूल पाठ २१००श्लोक प्रमाण गद्य सूत्र पद्य-गाथा
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वणे मूढ़े जहा जंतु, मूढे णेयाणुगामिए । दो वि एक अकोविया, तिव्वं सोयं नियच्छइ ।। अंधो अंधं पहं नेतो, दूरमद्धाणुगच्छइ । आवज्जे उप्पहं जंतू, अदुवा पंथाणुगामिए । एवमेगे णियायट्ठी, धम्ममाराहगा वयं । । अदुवा अहम्ममावज्जे, न ते सव्वजुयं वए ।।
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