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________________ ५३१ सूत्र १२-१६ औपपातिक-सूची १२ क- भ० महावीर को स्व-स्थान से वंदना करने का कोणिक का उपक्रम ख- पांच राज्यचिह्नों के नाम ग- भगवान की स्तुति घ- प्रवृत्तिवादुक का सत्कार ङ- पूर्णभद्र चैत्य में भगवान के पधारने पर सूचना देने का आदेश १३ भगवान महावीर का पूर्णभद्र चैत्य में पदार्पण भ० महावीर के अंतेवासी १४ क. अन्तेवासियों का पूर्व-परिचय ख- अन्तेवासियों का दीक्षा काल १५ क- अन्तेवासियों की ज्ञान-संपदा ख- , ,, इच्छा शक्ति , ,, विशिष्ट लब्धियां , ,, विविध तपश्चर्या विशिष्ट तपों के नाम, पडिमाओं के नाम अन्तेवासी स्थविरों का वर्णन १६ क- स्थविरों का पूर्व-परिचय ख- , की शरीर सम्पदा. व्यक्तित्व ग- , का संयमी जीवन ,, का बौद्धिक परिचय की आनुगामिता का बहुश्रुत ज्ञान ,, का वाद सामर्थ्य का स्व सिद्धान्त ज्ञान , की स्मरण शक्ति का परिचय 부 된 위 팬 색 원영 된 원 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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