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________________ -वर्ग ३ अ० १ जयंत विमान में उत्पत्ति पंचम शुद्धदंत अध्ययन षष्ठ हल्ल अध्ययन ५०१ सप्तम द्रुम अध्ययन अष्टम द्रुमसेन अध्ययन अपराजित विमान में उत्पत्ति नवम महाद्रुमसेन अध्ययन दशम सिंह अध्ययन एकादशम सिंहसेन अध्ययन द्वादशम महासिद्धसेन अध्ययन त्रयोदशम पुण्यसेन अध्ययन सर्वार्थसिद्ध विमान में उत्पत्ति तृतीय वर्ग ३ क - दस अध्ययनों के नाम प्रथम धन्य अध्ययन ख- उत्थानिका. काकंदी नगरी सहस्राम्रवन उद्यान जितशत्रु राजा. भद्रा सार्थवाही. धन्यपुत्र. बत्तीस कन्याओं से पाणिग्रहण. दहेज. Jain Education International अनुत्तर०सूची ग- भगवान् महावीर का समवसरण धन्य कुमार को वैराग्य- दीक्षा महोत्सव, यावज्जीवन छट्ट तप. पारणे में सर्वथा नीरस अन्न लेने की प्रतिज्ञा घ- काकंदी से विहार, ग्यारह अंगों का अध्ययन ङ - धन्य अणगार के तपोमय देह का ( पैर से लेकर मस्तक तक ) वर्णन. क- राजगृह. गुणशील चैत्य भगवान् महावीर का समवसरण. श्रेणिक राजा का आगमन. प्रवचन. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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