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आचारांग-सूची
२४ श्रु०१, अ०८ उ०२ सू०२०२ सप्तम महा परिज्ञा अध्ययन अष्टम विमोक्ष अध्ययन
प्रथम असमनोज्ञ विमोक्ष उद्देशक १६४ भिक्षु का व्यवहार १९५ १६६ क
अन्य तीथिक
अन्य तैर्थिकों का कथन अहेतुक है १९७ क
आशुप्रज्ञ मुनि गुप्ति (वचनगुप्ति) धर्म (ग्रामवास और अरण्य) महाव्रत' (तीन याम)
पापकर्मों से निवृत्ति १९८ दण्ड-हिंसा (औद्देशिक हिंसा)
१६६
द्वितीय अकल्पनीय विमोक्ष उद्देशक
औद्देशिक आदि छ दोष सहित आहार, वस्त्र, पात्र, वसति ग्रहण करने का निषेध
औद्देशिक आदि दोष जानने के हेतु उपसर्ग सहन (मौन विधान) असमनोज्ञ को आहारादि देने का निषेध
२००
२०१
२०२
*
१. (क) यह अध्ययन अनुपलब्ध है.
(ख) समवायांग टीका में यह प्राचारांग का आठवां अध्ययन माना गया है. (ग) आचारांग नियुक्ति में इस अध्ययन के ८ उद्देशक कहे गये हैं किन्तु
समवायांग टीका में ७ उद्देशक कहे गये हैं. २. आचारांग टीका
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