________________
भगवती-सूची
३४५
श०१२ उ० ३-४ प्र०२४
की पुत्री का पुत्र, जयंती श्रमणोपासिका का भतीजा, उदायन राजा ग- सहस्रानीक राजा के पुत्र की पत्नि, शतानीक राजा की पत्नि,
चेटक राजा की पुत्री, उदाई राजा की माता, जयंती श्रमणो
पासिका की भोजाई, मृगावती देवी घ- सहस्रानीक राजा की पुत्री, शतानीक राजा की भगिनी, उदाई
राजा की पितृष्वसा-भुवा, मृगावती देवी की नणंद, भ० महावीर
को सर्व प्रथम वसती देनेवाली जयंती श्रमणोपासिका प्रश्नोत्तरांक २ क- मृगावती और जयंती सहित भ० महावीर की वंदना के लिये
राजा उदाई का गमन, भ० महावीर और जयंती के प्रश्नोत्तर ख-प्राणातिपात-यावत्-मिथ्यादर्शन शल्य ___जीव के भारीपने के हेतु ४ जीव का भव्यत्व स्वाभाविक है
सर्व भव्य जीव मुक्त होंगे संसार भव्य जीवों से रिक्त नहीं होगा, रिक्त न होने का हेतु जीव का सोना या जागना सहेतुक श्रेष्ठ है जीव का सबल होना या निर्बल होना सापेक्ष श्रेष्ठ है उद्यमी होना या आलसी होना सापेक्ष श्रेष्ठ है पंचेन्द्रिय वशवर्ती का संसार भ्रमण जयंती की प्रव्रज्या
तृतीय पृथ्वी उद्देशक १२ सात पृथ्वियाँ
सात पृथ्वियों के गोत्र ।
चतुर्थ पुद्गल उद्देशक १४-२४ द्विप्रदेशिक स्कंध-यावत्-अनंत प्रदेशिक स्कंध के अनेक विकल्प
m x x wo is waar
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org