________________
भगवती-सूची
३१८
श०७ उ०१० प्र०१२५
or
or
१०६ समीपवर्ती पुद्गलों को ग्रहण करके असंत साधु का वैक्रिय
करना महाशिला कंटक संग्राम और रथ मुशल संग्राम महाशिला-कंटक संग्राम का वर्णन महाशिला-कंटक नाम का हेतु महाशिला-कंटक में मनुष्यों का संहार
महाशिला-कंटक में मरे हुए मनुष्यों की गति १४ रथ-मुशल संग्राम में जय-पराजय
रथ-मुशल संग्राम नाम का हेतु रथ-मुशल संग्राम में मनुष्यों का संहार
रथ-मुशल संग्राम में मरे हुए मनुष्यों की गति ११८ कोणिक के साथ शक्रेन्द्र और चमरेन्द्र के सहयोग का हेतु ११६ युद्ध में मरने वाले सभी स्वर्ग में नहीं जाते
वैशाली निवासी नाग पौत्र वरुण का संग्राम में गमन १२१ क- वरुण का अभिग्रह
ख- वरुण पर प्रहार ग- वरुण का युद्ध से प्रत्यावर्तन घ- वरुण की आलोचना एवं मृत्यु
ङ- वरुण के बालमित्र की आराधना १२२ वरुण की देवगति १२३ वरुण के मित्र का महाविदेह में जन्म १२४ वरुण और उसके मित्र की मुक्ति
दशम अन्य तीथिक उद्देशक १२५ क- राजगृह __ ख- कालोदायी आदि अन्य तीथिक ग- पंचास्तिकाय के संबंध में अन्य तीथिकों का प्रश्न और गौतम
गणधर का समाधान
or or or or or or or or om www wor
or or or o r
Gr
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org