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श०३ उ०६-७ प्र०१४६
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भगवती-सूची
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षष्ठ नगर उद्देशक १२७-१२६ राजगृह स्थित मिथ्या दृष्टि अणगार की वैक्रिय लब्धि से
वाराणसी विकुर्वण तथा विभंग ज्ञान से विपरीत दर्शन १३०-१३३ भावित आत्मा अणगार की विकुर्वणा का मायी मिथ्या दृष्टि
के विभंगज्ञान से विपरीत दर्शन १३४-१३६ भावित आत्मा अणगार की विकुर्वणा का अमायी सम्यग्दृष्टि के
अवधिज्ञान से यर्थार्थ दर्शन १४० भावित आत्मा अणगार द्वारा ग्राम, नगर आदि की विकुर्वणा १४१ भावित आत्मा अणगार का का वैक्रिय सामर्थ्य
चमरेन्द्र चमरेन्द्र के आत्मरक्षक देवों का परिवार
सप्तम लोकपाल उद्देशक १४३ शकेंद्र के चार लोकपाल . १४४ चार लोकपालों के चार विमान १४५ क- सोम लोकपाल के संध्यप्रभ महाविमान का स्थान
ख. संध्यप्रभ महाविमान की लम्बाई, चौड़ाई और परिधि ग- सोभाराजधानी की लम्बाई-चोड़ाई घ- सोम लोकपाल के आज्ञावर्ती देव-देवियाँ ङ- सोमलोकपाल के तत्वावधान में होनेवाले कार्य च. सोम लोकपाल के अपत्यरूप देवों के नाम छ- सोमलोकपाल की स्थिति
ज- सोमलोकपाल के अपत्यरूप देवों की स्थिति १४६ क- यम लोकपाल के वाशिष्ट विमान का स्थान और लम्बाई-चौड़ाई
ख- ---यावत् -- प्रश्नोत्तरांक १४५ ग के समान ग- यम लोकपाल के आज्ञानुवर्ती देव-देवियाँ घ- यम लोकपाल के तत्वावधान में होने वाले कार्य
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