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श्रु०२, अ०७, उ०१ सू०८१५
सूत्रकृतांग-सूची भ० गोतम का पाश्र्वापत्य स्थविरों से प्रतिप्रश्न भ० गोतम द्वारा समाधान भ० गोतम का आदर किये बिना ही पा० पेढाल पुत्र का गमन भ० गोतम का पाश्र्वापत्य पेढाल पुत्र को रोकना, तथा
भ० महावीर के पास लेजाकर पंच महाव्रत स्वीकार करवाना सूत्र संख्या १४
"निग्गंथे पावयणे" अयं अट्टे अयं परम सेसे अणहे
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