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________________ ४४ श्री कवि किशनसिंह विरचित छन्द नाराच भावतैं अलंघ्यवेन सदीव सत्य तासको, तजै विवाद सिद्धि चार नाद होय जासको । समृद्धि रिद्धि वृद्धि तीन लोककी लहायकों, त्रिया जो मोक्षगेह माहीं तिष्ठहै सुजायकों ॥ २८०॥ दोहा वचन न जाको ठीक कछु, अति लवार मति क्रूर । तातें फल अति कटुक सुन, महा पापको मूर ॥ २८९ ॥ धेरै, अडिल्ल छन्द नष्ट जीभ वच परतें निंदित मानिए, गर्दभ ऊंट बिलाव काक सुर जानिए । जड विवेकतें रहित मूकताको झूठ वचनतें मनुज इते दुख अनुसरें ॥ २८२॥ दोहा सांच झूठ फल है जिसो, तिसो को भगवान । सत्य गहो झूठहि तजो, यहै सीख मन आन ॥ २८३ ॥ Jain Education International सदा सत्य वचन बोलनेसे बोलनेवालेको ऐसे वचन प्राप्त होते हैं जिन्हें कोई अमान्य नहीं करता । सत्य बोलनेवालेको विवाद रहित सिद्धि प्राप्त होती है तथा सब ओर उसका यशोगान होता है। तीनों लोकोंकी समृद्धि, ऋद्धि और वृद्धि उसे प्राप्त होती है तथा मुक्तिरूपी रमा मानों उसके घरमें ही आकर रहने लगती हैं ॥ २८० ॥ जिसके वचन प्रमाणित नहीं है वह अत्यन्त झूठा और क्रूरबुद्धि कहलाता है । असत्य बोलनेवालेको महापापका मूलभूत अत्यन्त कटुक फल प्राप्त होता है || २८१ ।। असत्य बोलनेसे यह मनुष्य नष्टजिह्न - स्पष्ट बोलनेकी शक्तिसे रहित होता है, गधा, ऊँट, बिलाव और कौएके स्वरके समान इसका स्वर होता है । विवेकरहित अज्ञानी जीव असत्य वचन बोलनेके फलस्वरूप मूकताको प्राप्त होते हैं अर्थात् गूंगे होते हैं । असत्य वचन बोलनेसे मनुष्य इन दुःखोंको प्राप्त होता है || २८२ ॥ ग्रंथकार कहते हैं कि जिनेन्द्र भगवानने सत्य और झूठका जैसा फल कहा है वैसा हमने कहा है इसलिये हे भव्यजीवों ! सत्य वचन बोलो और झूठ वचनका त्याग करो, मनमें इस शिक्षाको धारण करो || २८३ || आगे सत्य वचनके अतिचार कहते हैं। :― स्वयं तो झूठ वचन नहीं बोलता है परन्तु दूसरोंको झूठ बोलनेका उपदेश देता है यह मिथ्योपदेश नामका अतिचार है । स्त्री-पुरुषोंकी गुप्त बातको जो प्रकट करता है वह रहोभ्याख्यान नामका अतिचार है || २८४ ॥ जो झूठी चिट्ठी लिखता है, अपनी लेनीको कभी नहीं १ वैवहे न० For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001925
Book TitleKriyakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKishansinh Kavi
PublisherParamshrut Prabhavak Mandal
Publication Year2005
Total Pages348
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, & Principle
File Size21 MB
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