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श्रीमद् राजचंद्र आश्रम, अंगास द्वारा संचालित श्री परमश्रुतप्रभावक मण्डल (श्रीमद् राजचन्द्र जैन शास्त्रमाला ) के प्रकाशित ग्रन्थोंकी सूची
(१) गोम्मटसार जीवकाण्ड - श्री नेमिचन्द्रसिद्धान्तचक्रवर्तीकृत मूल गाथाएँ, श्री ब्रह्मचारी पं० खूबचन्दजी सिद्धान्तशास्त्रीकृत संस्कृत छाया तथा नयी हिन्दी टीका युक्त । अबकी बार पंडितजीने धवल, जयधवल, महाधवल और बड़ी संस्कृतटीकाके आधारसे विस्तृत टीका लिखी है । सप्तमावृत्ति । मूल्य - अठ्ठाईस रुपये ।
(२) गोम्मटसार कर्मकाण्ड - श्री नेमिचन्द्रसिद्धान्तचक्रवर्तीकृत मूल गाथाएँ, पं० मनोहरलालजी शास्त्रीकृत संस्कृत छाया और हिन्दीटीका | पं० खूबचन्दजी द्वारा संशोधित । जैन सिद्धान्त - ग्रन्थ है । षष्ठावृत्ति । मूल्य - अठ्ठाईस रुपये ।
(३) स्वामिकार्तिकेयानुप्रेक्षा - स्वामिकार्तिकेयकृत मूल गाथाएँ, श्री शुभचन्द्र कृत बड़ी संस्कृत टीका तथा स्याद्वाद महाविद्यालय वाराणसीके प्रधानाध्यापक पं० कैलासचन्द्रजी शास्त्रीकृत हिन्दी टीका । डॉ० आ० ० उपाध्येकृत अध्ययनपूर्ण अंग्रेजी प्रस्तावना आदि सहित आकर्षक संपादन । पंचमावृत्ति । मूल्य - बावन रुपये ।
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(४) परमात्मप्रकाश और योगसार - श्री योगीन्दुदेवकृत मूल अपभ्रंश दोहे, श्री ब्रह्मदेवकृत संस्कृत टीका व पं० दौलतरामजीकृत हिन्दी टीका । विस्तृत अंग्रेजी प्रस्तावना और उसके हिन्दीसार सहित । महान् अध्यात्मग्रन्थ | डॉ० आ० ने० उपाध्येका अमूल्य सम्पादन । नवीन षष्ठ संस्करण । मूल्य - चालीस रुपये ।
(५) ज्ञानार्णव - श्री शुभचन्द्राचार्यकृत महान् योगशास्त्र । सुजानगढ निवासी पं० पन्नालालजी बाकलीवालकृत हिन्दी अनुवाद सहित । सप्तमावृत्ति । मूल्य-अठ्ठाईस रुपये ।
(६) प्रवचनसार - श्री कुन्दकुन्दाचार्य विरचित ग्रन्थरत्नपर श्री अमृतचन्द्राचार्य कृत तत्त्वप्रदीपिका एवं श्री जयसेनाचार्यकृत तात्पर्यवृत्ति नामक संस्कृत टीकाएँ तथा पांडे हेमराजजी रचित बालावबोधिनी भाषाटीका । ड आ॰ ने० उपाध्येकृत अध्ययनपूर्ण अंग्रेजी अनुवाद तथा विशद प्रस्तावना आदि सहित आकर्षक सम्पादन । पंचमावृत्ति । मूल्य - चुमालीस रुपये ।
(७) बृहद्रव्यसंग्रह - आचार्य नेमिचन्द्रसिद्धान्तिदेवविरचित मूल गाथाएँ, संस्कृत छाया, श्री ब्रह्मदेवविनिर्मित संस्कृतवृत्ति और पं० जवाहरलाल शास्त्रीप्रणीत हिन्दीभाषानुवाद । षड्द्रव्यसप्तत्त्वस्वरूपवर्णनात्मक उत्तम ग्रन्थ । सप्तमावृत्ति । मूल्य- अट्ठाईस रुपये ।
(८) पुरुषार्थसिद्धयुपाय - श्री अमृतचन्द्रसूरिकृत मूल श्लोक | पं० टोडरमल्लजी तथा पं० दौलतरामजीकी टीकाके आधार पर पं० नाथूरामजी प्रेमी द्वारा लिखित नवीन हिन्दी टीका सहित । श्रावकमुनिधर्मका चित्तस्पर्शी अद्भुत वर्णन । अष्टमावृत्ति । मूल्य-सोलह रुपये ।
(९) पञ्चास्तिकाय - श्री कुन्दकुन्दाचार्यविरचित अनुपम ग्रन्थराज । श्री अमृतचन्द्राचार्यकृत 'समयव्याख्या' ( तत्त्वप्रदीपिका वृत्ति) एवं श्री जयसेनाचार्यकृत 'तात्पर्यवृत्ति' नामक संस्कृत टीकाओंसे अलंकृत और पांडे हेमराजजी रचित बालावबोधिनी भाषाटीकाके आधारपर पं० पन्नालालजी बाकलीवालकृत प्रचलित हिन्दी अनुवाद सहित । पंचमावृत्ति । मूल्य - चौबीस रुपये ।
(१०) स्याद्वादमञ्जरी - कलिकालसर्वज्ञ श्री हेमचन्द्राचार्यकृत अन्ययोगव्यवच्छेदद्वात्रिंशिका तथा श्री मल्लिषेणसूरिकृत संस्कृत टीका । श्री जगदीशचन्द्र शास्त्री एम० ए० पी० एच० डी० कृत हिन्दी अनुवाद सहित । न्यायका अपूर्व ग्रन्थ है । बड़ी खोजसे लिखे गये ८ परिशिष्ट हैं। पंचमावृत्ति । मूल्य - चौबीस रुपये ।
(११) इष्टोपदेश - श्री पूज्यपाद - देवनन्दि आचार्यकृत मूल श्लोक, पंडितप्रवर श्री आशाधरकृत संस्कृतटीका, पं० धन्यकुमारजी जैनदर्शनाचार्य एम० ए० कृत हिन्दीटीका, बैरिस्टर चम्पतरायजीकृत अंग्रेजी टीका तथा विभिन्न विद्वानों द्वारा रचित हिन्दी, मराठी, गुजराती एवं अंग्रेजी पद्यानुवादों सहित आध्यात्मिक रचना । पंचमावृत्ति | मूल्य - सोलह रुपये ।
(१२) लब्धिसार (क्षपणासारगर्भित ) - श्री नेमिचन्द्रसिद्धान्तचक्रवर्तीरचित करणानुयोग ग्रन्थ । पंडितप्रवर टोडरमल्लजीकृत बड़ी टीका सहित । श्री फूलचन्दजी सिद्धान्तशास्त्रीका अमूल्य सम्पादन । चतुर्थावृत्ति । मूल्य - छप्पन रुपये ।
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