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618
1665
1666
1667 ष्ट्रपण्
1668
डिपण्
1669
ह्रपण्
1670
1672
1673
छपुण्
क्षपुण्
1692
1693
1694
1695
1696
1674
1676
1677
1678
1680
1681
1682
1683
यत्रुण्
1684 कुदुण्
1699
1700
1701
1671
शूर्पण
शुल्बण्
डबु 1675 डिबण्
सम्बण्
1685 श्वभ्रण्
1686
तिलण्
1687 जलण्
1688 क्षलण्
1689 पुलण्
1690 बिलण्
1691
तलण्
कुण्
लबु 1679 तुबुण्
पुर्वण्
यमण्
व्ययण
तुलण्
दुलण्
बुलण्
मूलण्
कल 1697 किल
1698 पिलण्
पलण्
इलण्
चलण्
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गतौ
क्षान्तौ
समुच्छ्राये
क्षेपे
व्यक्तायां वाचि ।
संघाते
माने
सर्जने च चकारान्माने
क्षेपे
सम्बन्धे
आच्छादने
अर्दने
निकेतने
परिवेषणे
क्षये
संकोचने
अनृतभाषणे
गतौ
स्नेहने
अपवारणे
शौचे। शौच शौचकर्म
समुच्छाये
भेदे
प्रतिष्ठायाम्।
उन्माने ।
उत्क्षेपे
निमड़ने
रोहणे
क्षेपे
रक्षणे ।
प्रेरणे
भूतौ ।
धातुरत्नाकर प्रथम भाग
To go
जाना
To be patient, to सहनशील होना
forbear
To erect
To throw
To speak distinctly
To make a heap of
To measure
To
create
To throw
To join
To cover
measure,
To torment, harass
To dwell
To supply
To waste
To contract
To tell a lie
To go
To make greesy
To cover, to screen
To wash
To weigh
To throw up
To sink, to plunge
To grow
To send
साफ करना
To heap up
ऊँचा बढ़ना
To split
तोड़ना
To be a helper, to स्थापित करना
establish
To protect
To direct
To foster, to serve
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ऊँचा बढ़ना
फेंकना
स्पष्ट बोलना
इकठ्ठा करना
मापना
to मापना, सर्जन
करना
फेंकना
जोड़ना
ढकना
पीड़ा पहुँचाना निवास करना
परोसना
बेकार करना
सकुंचित करना
झूठ बोलना
जाना चिकना करना ढंकना, ढक्कन लाना
तोलना
ऊपर फेंकना
डूबना, निविष्ट
करना
वृद्ध होना भेजना
रक्षा करना प्ररेणा देना नौकरी करना, सेवा
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