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धात्वर्थसूची
605
1215 1216
रोषे विभागे
1219 1220 1221 1222 1223 1224 1226 1227 1228 1229 1230 1232 1233
रुषच् प्युष, 1217 प्युस 1218 पुसच् विसच् कुसच् असूच यसूच जसूच तसू 1225 दसूच वसूच वुसच् मुसच् मसैच् शमू 1231 दमूच् तमूच् श्रमूच्
प्रेरणे श्लेषे क्षेपणे प्रयत्ने मोक्षणे उपक्षये स्तम्भे उत्सर्गे। उत्सर्गस्त्यागः खण्डने परिणामे। परिणामोविकार: उपशमे काङ्क्षायाम् खेदतपसोः
To be angry To separate, to divide To throw, to send To embrace To throw To try To release To fade away To be proud To abandon To break To be altered To be calm To long for To be sorry, to go in retirement To wander
रोष करना अलग होना, विभाजित होना फेंकना, भेजना गले लगना फेंकना प्रयत्न करना मुक्त करना क्षीण होना गर्वित होना त्याग करना तोड़ना रूपातंरित होना शांत होना अभिलाषा करना खेद प्रकट करना, तपस्या करना भ्रमण करना
1234
भ्रमूच
अनवस्थाने। अनवस्थानं देशान्तरगमनम् खहने
क्षमौच्
To allow, to endure
हर्षे ग्लानौ
आज्ञा देना, सहन करना हर्षित होना क्षीण होना
To be pleased To fade away
1237
मदैच् क्लमूच् अवसित शमादीना सप्तकमष्टकश्च मुहौच
1238
वैचित्त्ये। वैचित्यमविवेकः
म
1239
दुहौच
जिघांसायाम्
To be excited, to विवेकरहित होना, beauty
मोहित होना To wish for killing to मारने की इच्छा be imprudent
करना To vomit
वमन करना To love
प्रेम करना
1240 ष्णुहोच् उद्भिरणे 1241 ष्णिहौच वृत पुषादिः। प्रीतौ
पुषादिर्दिवाद्यन्तर्गणो
वर्तित सम्पूर्ण इत्यर्थः 1242 षूडौच्
प्राणिप्रसवे 1243 दूच्
परितापे। परितापखेदः 1244 दीच्
To deliver To be sorry To decrease
जन्म देना खेद प्रकट करना क्षीण होना
क्षये
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