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धातुरलाकर प्रथम भाग
505 506 507
कृषं
To collect Toplough To kill, to injure
इकट्ठा करना हल जोतना हिंसा करना, चोट पहुँचाना
ईष
उञ्छे। उच्छमुच्चयनम्।
विलेखने। विलेखनं हलोत्कर्षणम्। कष 508 शिष 509 हिंसायाम् जष 510 झष 511 वष 512 मष, 513 मुष 514 रुष 515 रिष 516 यूष 517 जूष 518 शष 519 चष
संघाते च। चकाराहिसायाम्।
वृष
To unite, to kill
एक होना, हिंसा करना भर्त्सना करना छिड़कना
भर्त्सने। भर्त्सनं कुत्सितशब्दकरणम् सेचने
To bark To sprinkle
भष जिषू 523 विषू 524 मिषू 525 निषू 526 पृषू 527
वृष
छिड़कना
528 529
To sprinkle To burn
जलना
534
मृषू
सहने च। चकारात्सेचने उषू 530 श्रिषू 531 दाहे श्लिषू 532 ए॒षु, 533 प्लु) धृषू
सहर्बे अलीके
पुष्टौ भूष 538 तसु अलङ्कारे तुस 540 हृस 541 शब्दे ह्रस 542 रस लस
श्लेषणक्रीडनयो
हवू
535 536 537 539
पुष
To attack To lie To be powerful To adorn To sound
आक्रमण करना झूठ बोलना पुष्ट होना शोभित करना शब्द करना
543
To enbrace, to sport
544 545 546
To eat To laugh To go
गले लगना, लीला करना भोजन करना हँसना जाना
घस्लं
अदने हसे
हसने पिसृ 547 पेसृ 548 गतौ वेस शसू
हिंसायाम् शंसू
स्तुतौ च। चकाराद् हिंसायाम् मिहं
सेचने। दह
भस्मी करणे
मारना
549 550 551 552
To kill To praise, to kill To sprinkle To burn
प्रसन्न करना, मारना छिड़कना
जलाना
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