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स्पष्टीकरण
तीर्थकर भगवंतों के गणधरों की संख्या में सूत्रों और ग्रंथों में अन्तर रहा हुआ है। जिन तीर्थंकर भगवंतों के गणधर महात्माओं की संख्या में अन्तर है, वे इस प्रकार हैं। ग्रंथों में भगवान् अजितनाथजी के ९५, सुविधिनाथ जी के ८८, श्रेयांसनाथजी के ७२, वासुपूज्यजी के ६६, विमलनाथजी के ५७, शांतिनाथजी के ३६, अरिष्टनेमिजी के ११और पार्श्वनाथजी के १० लिखे हैं ।
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