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________________ २८ तीर्थंकर चरित्र प्राकाम्य शक्ति -- जिसके द्वारा भूमि पर चलने के समान जल में गमन हो सके और भूमि पर भी सरोवर में उन्मज्जन- निमज्जन के समान कर सके, ऐसी शक्ति | ईशत्व शक्ति - चक्रवर्ती और इन्द्र की ऋद्धि का विस्तार करने की योग्यता । वशीकरण शक्ति -- जिससे भयंकर और क्रूर जन्तु भी वश में हो जाय । अप्रतिघाति शक्ति -- जिससे पर्वत के भीतर भी उनके लिए गमन करने योग्य मार्ग बन जाय । अप्रतिहत अन्तर्धान शक्ति -- वायु के समान अदृश्य होने की शक्ति । कामरूपत्व शक्ति -- जिसके द्वारा समकाल में ही अनेक प्रकार के रूप बना कर सारे लोक को भर दे, ऐसी शक्ति । बीज बुद्धि -- एक अर्थ रूप बीज से अनेक अर्थ को जानने की बुद्धि । कोष्ठ बुद्धि-- कोठी में भरे हुए धान्य के समान, पहले सुने हुए सभी अर्थ यथास्थित रहे, विस्मृत नहीं हो । पदानुसारिणीबुद्धि + - आदि, अन्त या मध्य के एक पद के सुनने मात्र से सारे ग्रंथ का बोध हो जाय, ऐसी शक्ति । मनोबली -- वीर्यान्तराय के विशिष्ट क्षयोपशम से दृढ़ मनोबल के स्वामी । एक वस्तु का उद्धार कर के अन्तर्मुहूर्त में श्रुत-समुद्र का अवगाहन करने वाले । वचनबली -- मुहूर्त भर में मूलाक्षर का उच्चारण कर के सभी शास्त्रों को बोलने की शक्ति वाले | कायबली - - बहुत लम्बे समय तक कायोत्सर्ग प्रतिमा में खेद रहित हो कर स्थिर रहने वाले । अमृतक्षीर मध्वाज्याश्रवी ( क्षीरमधुसर्पिरासवी) जिनकी वाणी दुखियों के मन में क्षीर, अमृत, मधु और घृत जैसी शांति और सुख देने वाली होती है । अक्षीणमहानसी -- जिनके पात्र में पड़ा हुआ अल्प भोजन, बहुजनों को दान करने पर भी समाप्त नहीं होता । अक्षीणमहालय - - तीर्थंकर परिषदा के समान अल्प स्थान में भी बहुत से जीवों का + इसके तीन भेद होते हैं-१ अनुश्रोत पदानुसारिणी = प्रथम पद या अर्थ सुनने से अंत तक के सारे ग्रंथ की अनुक्रम से विचारणा हो, २ प्रतिश्रोत पदानुसारिणी = अंतिम पद सुनने से प्रारंभ तक के सभी पदों की विचारणा हो, ३ उभय पदानुसारिणी = मध्य के किसी एक पद के सुनने से आगे-पीछे सभी पदों का ज्ञान हो जाय, ऐसा विशिष्ट बुद्धिबल । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001915
Book TitleTirthankar Charitra Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1976
Total Pages426
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Literature, & Biography
File Size8 MB
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