________________
१७४
तीर्थकर चरित्र
पर्वत पर एक हजार मुनियों के साथ, कुल चालीस लाख पूर्व की आयु पूर्ण कर चैत्र-शुक्ला नवमी को पुनर्वसु नक्षत्र में मोक्ष पधारें।
पाँचवें तीर्थंकर
भगवान्
॥सुमतिनाथजी का चरित्र सम्पूर्ण ॥
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org