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पंचसंग्रह : १०
परिशिष्ट ३१ : मार्गणा भेदों में गोत्रकर्म के संवेध का प्रारूप
संवेधगत प्रकृतियाँ है
नरकगति
तियंचति
मनुष्यगति
एकेन्द्रिय जाति
| देवगति
| क्रम | मार्गणा
द्वीन्द्रिय जाति
नीच का बंध नीच का उदय नीच की सत्ता नीच का बंध नीच का उदय नी. उ. की सत्ता नीच का बंध उच्च का उदय नी. उ. की सत्ता उच्च का बंध नीच का उदय नी. उ. की सत्ता उच्च का बंध उच्च का उदय नी. उ. की सत्ता अबंध उच्च का उदय नी. उ. की सत्ता अबंध उच्च का उदय उच्च की सत्ता
प्रत्येक मार्गणा में कुल संवेध २
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