________________
सप्ततिका-प्ररूपणा अधिकार : परिशिष्ट २५
४४५ (क्रमशः) मार्गणा भेदों में दर्शनावरण कर्म के संवेध का प्रारूप
मिध.
- संजी
6 मिथ्या.
| असंजी
आहारी
अनाहारी
| प्रत्येक संवेध कुल | मार्गणाओं में
० IG सासा. स.
| 0
|
|
|
०
-
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org