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४३२
पंचसंग्रह : १० (क्रमशः) मार्गणा भेदों में मूल कर्मप्रकृतियों के संवेध का प्रारूप
।
कापीत
लेश्या
पद्मलेश्या .
तेजो
शुक्ल लेश्या
मध्य
अभव्य
क्षायिक सम्यक्त्व
क्षायोप. सम्यक्त्व
| - - औपशमिक
। ४८ । ४६
५०
५१ . ५२
५३ । ५४ ।
।
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