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पंचसंग्रह : १० (क्रमशः) मार्गणा भेदों में मूल कर्मप्रकृतियों के संवेध का प्रारूप संवेधगत प्रकृति :
श्रुत अज्ञान,
विभंग
क्रम मार्गणा
ज्ञान
सामायिक चारित्र
छेदोपस्था | पनीय चा.
राय चा..
परिहार | विशुद्धिचा.
au | सूक्ष्मसंप
_ ३२ । ३३ । ३४ । ३५ । ३६ / ३७
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८ का बंध ८ का उदय ८ की सत्ता
७ का बंध
८ का उदय ८ की सत्ता
६ का बंध ८ का उदय ८ की सत्ता
१ का बंध ७ का उदय ८ की सत्ता
१ क बंध ७ का उदय ७ की सत्ता
१ का बंध ४ का उदय ४ को सत्ता
अबंध ४ का उदय ४ की सत्ता प्रत्येक मार्गणा में
कुल संवेध
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