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पंचसंग्रह :१०
(क्रमशः) मार्गणा भेदों में मूल कर्मप्रकृतियों के संवेध का प्रारूप
पुरुषवेद
स्त्रीवेद
नपुंसकवेद
प्रकषाय
मानकषाया
माया
१६ १७ १८
१९
२०
२१
२२
२३
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