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सप्ततिका-प्ररूपणा अधिकार : परिशिष्ट १५
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परिशिष्ट १५ : दिगम्बर सप्ततिकानुसार गुणस्थानों में ज्ञानावरण
और अंतराय कर्म की उत्तर प्रकृतियों के बंधादि स्थान
गुणस्थान
बंधस्थान
उदयस्थान
सत्तास्थान
५ प्र.
५
प्र.
मिथ्यात्वादि सूक्ष्मसंपराय पर्यन्त दस
उपशांतमोह
bi
क्षीणमोह
XXXX
bi
सयोगि के.
X
अयोगि के.
X
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