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उदयस्थान
२५ प्र.
२१ प्र.
२६ प्र.
२८ प्र.
२६ प्र.
२६ प्र.
सोच्छ्वास (आतप या उद्योत के
उदयस्थानगत प्रकृतियाँ
साथ)
( द्वीन्द्रिय के उदयस्थान गंग २२)
ध्रुवोदय १२, तिर्यंचद्विक, द्वी. प्र. बा. अप. पर्या., दुभंग, अना. यश. अयश. ६ = २१
तिर्यंचानु रहित पूर्वोक्त २१ तथा औदा. आदि ६
परा. अशुभ खगति अधिक २६
प्रकृति
उच्छ्वास अधिक २८ प्रकृति
उद्योत सहित २८ प्र. उच्छ्वास
से पूर्व
भंग
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४
प्र.
पूर्वोक वत
भगोत्पत्ति
पूर्ववत्
यश. अयश
अयश का १ अपर्या. के यश अयश. २ पर्याप्त के
यश. अयश के पर्याप्त के
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""
किसको
देहपर्याप्त बादर
उच्छवास पर्याप्त
गत्यन्तराल से
देहस्थ
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देह पर्याप्त
उच्छ्वास पर्याप्त
देह पर्याप्त
३८४
पंचसंग्रह : १०